How to use Hora (होरा की उपयोगिता )
होरा अनूभव: .होराका प्रभाव जन्म कुंडलीके संदर्भमे केसे देखना है, इसका एक उदहारण पुराणी डायरी से उद्धृत कर रहा हू.
जन्मकी स्थिति: लग्न कुम्भ,सूर्य वृषभ, चन्द्र कन्या,मंगल मिथुन. बुध मिथुन, गुरु मिथुन, शुक्र मीन, शनि वृषभ, राहू सिंह, केतु कुम्भ,
गोचर ग्रह स्थिति: सूर्य मकर, चन्द्र तुला,मंगल वृश्चीक, बुध धनु वक्री, गुरु मिथुन वक्री,
शुक्र मकर वक्री, शनि धनु,राहू मकर,केतु कर्क,
आज १९-१-१९९० शुक्रवार. शनि होरामें पासके शहरमें मित्रको मिलने रेल से गया.मित्र ग्राह्क के साथ बिजी था (गोचर शनि धनु में, जन्म लग्नसे एकादाशमें मित्र/लाभ, में रुकावट)
क्योंकि होरापति शनि, दिनपति शुक्र और गो.चन्द्र के राशिपति शुक्र(मकर)से द्वादश धनुमे.
गुरू होरामें मित्रसे ज्योतिष विषयकी अच्छी बातें हुई (गुरू वैदिक/ज्योतिष विद्याका कारक) क्यूंकि गो.गुरू गो.चन्द्र (तुला) और एकादश भाव को देखता है.
मगल होरामे मित्र के कोई सम्बन्धी आये इस लिए हमारी चर्चा रुक गई क्यूंकि गोचर मंगल वृश्चिक में –एकादश (मित्र लाभ)से बारहवेमें (मित्रसे चर्चामे विक्षेप)
सूर्य होरामे जैन मुनिजी से मिलने धर्म स्थल उपाश्रय गए..ज्योतिष और गूढ़ विद्याके सम्बंधमें बातें हुई (गो.सूर्य मकरमें राहूके साथ जन्म लग्नसे द्वादश भाव आश्रम और राहू गूढ़ बातें /विद्या) दिनपति और गो.चन्द्र (तुला) राशी पति शुक्र भी राहूके साथ मकर र्मे है..
रिटर्न प्रवास शुक्र होरा में सहप्रवासी चार महिलाएं कोई विदेश स्थित स्त्रीके सुन्दर वैभवयुक्त मकानकी बाते पूरे समय कर रही थी (शुक्रवार शुक्रकी होरा गो.शुक्र मकर, जन्म से १२वे में ), गोचर चन्द्र तुला से चतुर्थ मकर(मकान) में शुक्र राहू के साथ वि देश स्थित महिला)का मकान)की बाते सुननी पड़ी, जो मुझे बोरिंग लगती थी क्योकि में तो अध्यात्म में डूबा था..ॐ
इस तरह होराका अभ्यास जन्म कुंडली और /या प्रश्न के साथ करेंगे तो बहुत कुछ क्लियर होता जाएगा. हरी ॐ
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होरा अनूभव: .होराका प्रभाव जन्म कुंडलीके संदर्भमे केसे देखना है, इसका एक उदहारण पुराणी डायरी से उद्धृत कर रहा हू.
जन्मकी स्थिति: लग्न कुम्भ,सूर्य वृषभ, चन्द्र कन्या,मंगल मिथुन. बुध मिथुन, गुरु मिथुन, शुक्र मीन, शनि वृषभ, राहू सिंह, केतु कुम्भ,
गोचर ग्रह स्थिति: सूर्य मकर, चन्द्र तुला,मंगल वृश्चीक, बुध धनु वक्री, गुरु मिथुन वक्री,
शुक्र मकर वक्री, शनि धनु,राहू मकर,केतु कर्क,
आज १९-१-१९९० शुक्रवार. शनि होरामें पासके शहरमें मित्रको मिलने रेल से गया.मित्र ग्राह्क के साथ बिजी था (गोचर शनि धनु में, जन्म लग्नसे एकादाशमें मित्र/लाभ, में रुकावट)
क्योंकि होरापति शनि, दिनपति शुक्र और गो.चन्द्र के राशिपति शुक्र(मकर)से द्वादश धनुमे.
गुरू होरामें मित्रसे ज्योतिष विषयकी अच्छी बातें हुई (गुरू वैदिक/ज्योतिष विद्याका कारक) क्यूंकि गो.गुरू गो.चन्द्र (तुला) और एकादश भाव को देखता है.
मगल होरामे मित्र के कोई सम्बन्धी आये इस लिए हमारी चर्चा रुक गई क्यूंकि गोचर मंगल वृश्चिक में –एकादश (मित्र लाभ)से बारहवेमें (मित्रसे चर्चामे विक्षेप)
सूर्य होरामे जैन मुनिजी से मिलने धर्म स्थल उपाश्रय गए..ज्योतिष और गूढ़ विद्याके सम्बंधमें बातें हुई (गो.सूर्य मकरमें राहूके साथ जन्म लग्नसे द्वादश भाव आश्रम और राहू गूढ़ बातें /विद्या) दिनपति और गो.चन्द्र (तुला) राशी पति शुक्र भी राहूके साथ मकर र्मे है..
रिटर्न प्रवास शुक्र होरा में सहप्रवासी चार महिलाएं कोई विदेश स्थित स्त्रीके सुन्दर वैभवयुक्त मकानकी बाते पूरे समय कर रही थी (शुक्रवार शुक्रकी होरा गो.शुक्र मकर, जन्म से १२वे में ), गोचर चन्द्र तुला से चतुर्थ मकर(मकान) में शुक्र राहू के साथ वि देश स्थित महिला)का मकान)की बाते सुननी पड़ी, जो मुझे बोरिंग लगती थी क्योकि में तो अध्यात्म में डूबा था..ॐ
इस तरह होराका अभ्यास जन्म कुंडली और /या प्रश्न के साथ करेंगे तो बहुत कुछ क्लियर होता जाएगा. हरी ॐ
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