Importance of 88th Navansh.
By Bhola Nath Shukla ·
८८ वां चरण
पांड्यो के भिक्षु होने से भी रुक न पाया था विस्फोटक महा समर.
ध्वंश से सर फोड़ने को हों तुले जब क्रुद्ध गृह उप गृह हर डगर .
राष्ट्र कवी दिनकर की इन पंक्तियों को शिरोधार्य करते हुए आप सभी ज्योतिष अनुरागी बंधुओं के संज्ञान में ८८ वां चरण के सम्बन्ध में मेरे कोष में उपलब्ध जानकारी प्रस्तुत करता हूँ.
वाराहमिहिर जी ८८ वां चरण का विशेश् अवलोकन का निर्देश देते है :
वैनाशिकम त्रयोविंश वराहमिहिरोदितम !! सुक्ष्मतया: ८८ पाद: !!
च्यवन ऋषि का निर्देश देखे : ( मुहूर्त चिंतामणी में यह श्लोक उद्धृत है : )
वैनाश कारंणये अष्टाशीत्यंशकं
बिना शेषायाम शुभदा ज्ञेया जन्मनीन्दू गतान्श्का : !!
अत्र वैनाशिकम प्रत्यरी संज्ञा
तस्य चर्मांशस्य अनिश्तिता प्राप्त स
अष्टाशीत्यंशकं विनेत्य्नेन वाध्य्ते !!
काल विधान ग्रन्थ कार का मत है :
वध वैनाशिकम चापी तृतीये परिवर्ज्येत........
वध वैनाशिके योगेफलं काश्यपोदित्तम ....
काल प्रकाशिका ग्रन्थ कार का मत है :
द्वाविंश जन्म् नक्षत्राद वैनाशिकम इती स्मृतम !!
विनाशं कुरुते यस्मादवैनाशिकम स्मृतम !!
सप्त पंचम चंद्राष्ट सप्त विंशति भेषू च !
वैनाशिकम त्री जन्मेरक्ष च नेष्टमेषूपनायनम !!
वैनाशिकाख्य नक्षत्रे अप्याश्टाशीत तमोशंकं !
शीश्टाअंशा शुभ्दास्सर्वे केचिद दक्ष विवर्जित : !!
उत्तर भारत में २३ वें नक्षत्र को वैनाशिक कहा जाता है वही दक्षिण भारत में २२ वें नक्षत्र को वैनाशिक की संज्ञा दी है
Dr BV Raman ji ने अपनी पुस्तक महूर्त में ८८ वें चरण को निंद्य कहा है ! यह भी कहा है की पूरा २२ वां नक्षत्र निंद्य नहीं है. ध्यान में आया होगा एक नक्षत्र में चार चरण तो २२ वें नक्षत्र का अंतिम चरण ८८ वां चरण होगा. पूर्व कालामृत के ग्रन्थकार कालिदास जी ने भी ८८ वें चरण को निंद्य कहा है ! प्रश्न मार्ग ( अध्याय ६ श्लोक ३० और ४३ देखे) , जातका देश मार्ग के रचना कारों ने ८८ वां चरण को निंद्य और त्याज्य कहा है.
DR Suresh Chandra Misra जी की अष्टकवर्ग महा निबंध के पेज ३८५ श्लोक ३ देखें . मिश्रा जी ने ३० वें द्रेश्काण की व्याख्या की है और निंद्य और त्याज्य कहा है . ध्यान में आया होगा ८८ वाँ चरण इसी ३० वें द्रेश्काण में पड़ता है.
आप सभी मित्रों को आनंद आएगा यह जान कर की Western Astrology में भी इसको जरूर प्रयोग में लाते होंगे . कारण ८८ वें चरण को उन्होंने English equivalent word दिया है Devils Foot and Devils Own. Foot का हिंदी meaning पाद या चरण ही होता है. Readers Digest द्वारा published Encyclopedea देखे .
मित्रों मैं लग्न के अंश (degree) सूर्य के अंश (degree) और चंद्र के अंश (degree) से 88 th चरण की calculation करता हूँ. And the transisiting planets when passess over these points, I try to find out minor/major events if any and then I relate them with the operating Dasha including antar/pratyantar etc.. It will interest you friends that impact of transit of fast moving planets & slow moving planets are worth noticing. To fine tune your observations you may add in your calculations the sarvashtak bindus, lordship of the planets and the aspected/aspecting planets.
किसी विद्वान ने यथार्थ से परिचित कराया अस्तु उनकी पंक्तियों को स्मरण करते हुए अपनी बात को विराम देता हूँ :
“” Because one fails to find out clue in the horoscope indicating certain events, it does not mean that the result of DESTINY would not manifest. “”
With regards to you all learned friends.
Bhola Nath Shukla bnshukla05@gmail.com
No comments:
Post a Comment