Saturday, January 7, 2012

Quotes : from friends

जिसको हमें छिपाना चाहिए उसे हम छ्पवाते हैं - वह है दान
जिसको हमें छपाना चाहिए उसे हम छिपाते है - वह है पाप
कैसी हमारी मानसिकता है । कृपया इस पर विचार करें । हम क्या कर रहें है । एक हाथ से दिया हुआ दान के बारे में दूसरे हाथ को मालुम नहीं पड़ना चाहिए । उसकी जगह हम लोग बड़े-बड़े अक्षरों में पत्थर पर अपने नाम खुदवातें हैं । इसका मतलब हुआ कि हम दान अपने नाम के लिए करते हैं । भविष्य में हमें इसका कुछ भी फल नहीं मिलने वाला, क्योंकि हमने पत्थरों पर अपना नाम खुदवाकर यश को पा लिया। कई जगह तो देखने को मिलता है जिस सीढ़ी पर लोग पैर रख चलते है उस सीढ़ी के एक-एक पायदान पर लोग अपने पिताजी का नाम लिखवाते है। फलां चंदजी के द्वारा इस सीढ़ी का निर्माण किया गया । उस नाम के ऊपर लोग पैर रखकर चढ़ते हैं । कैसी विडम्बना है । दान गुप्त देना चाहिए । हमारे ऋषि मुनियों ने भी गुप्त दान देने को ही बताया है । लेकिन आज हम देखते हैं कि बिना नाम के कोई दान देता ही नहीं । दूसरी और जिसको हमें छपवाना चाहिए उसे छिपाते है कहने का तात्पर्य है कि जो हम पाप करते है उसे न छिपा कर उसको हम छपाएंगे तो आगे के लिए पाप करने से पहले हमको सात बार सोचना पड़ेगा।
by Smt Urmil jain N.Delhi

So : Make the best of life available now ; the coming moment will turn history soon;

by Sri Pradeep Shukla

Work for a cause not for applause. Live to express not to impress. Do not strive to make your presence noticed, just make your absence felt.
Have fun friends. coined( better to say cooked) new meaning for EGO explore it think and laugh : ELEPHANT + GOAT + OWL .. think the characteristics of these 3, mix /percolate them and redefine meaning of EGO.

By Sri Rajiv Bhatnatgar USA

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