Thursday, October 15, 2020

 हँस महापुरुष योग


जन्म पत्रिका के शक्तिशाली योगों में से एक हँस महापुरुष योग कहलाता है। यह योग बृहस्पति ग्रह के कारण बनता है।

जन्म पत्रिका में कुल 12 भाव होते हैं। उनमें से 4 भाव केन्द्र स्थान कहलाते हैं और 3 भाव त्रिकोण कहलाते हैं। लग्न स्थान, केन्द्र और त्रिकोण दोनों का दायित्व निभाता है। 

बृहस्पति की 2 राशियाँ हैं, एक धनु है और एक मीन। धनु को 9 के अंक से व्यक्त करते हैं और मीन को 12 से। कर्क राशि जिसे 4 के अंक से व्यक्त किया जाता है बृहस्पति की उच्च राशि कहलाती है। इन तीनों ही राशियों में जब बृहस्पति होते हैं तो शक्तिशाली परिणाम देते हैं, परन्तु इन तीनों में से भी जब बृहस्पति कर्क राशि अर्थात् 4 के अंक पर होते हैं तो सर्वाधिक शुभ फल देते हैं। 

जब बृहस्पति हँस महापुरुष योग बनाते हैं तो अति शक्तिशाली परिणाम देते हैं। इस योग वाले व्यक्ति की सामाजिक प्रतिष्ठा बहुत ऊँची हो जाती है। व्यक्ति शिक्षा सम्बन्धी कार्य या प्रवचन करता है। लोग उससे सलाह लेने आते हैं। शास्त्रों के ज्ञाता होते हैं। गुणी और आत्म विश्वास से भरपूर होते हैं। धर्माचरण करते हुए सब के पूज्य हो जाते हैं और इस योग का श्रेष्ठ फल 50 से 60 वर्ष के बीच देखने में आता है। 

इस महायोग वाले व्यक्तियों को आसानी से फुसलाया नहीं जा सकता। इनका ज्ञान का खजाना बढ़ता ही चला जाता है। और यह व्यक्ति एवं समाज को सही मार्ग पर ले जाता है। 

इस योग में यदि विकृति आ जाए तो व्यक्ति अहंकारी हो जाता है। कब स्वाभिमान अहंकार में बदल गया पता ही नहीं चलता। जन्म पत्रिका के इस योग पर अन्य ग्रहों का कोई कुप्रभाव नहीं हो तो व्यक्ति दिव्य शक्तियों से सम्पन्न होता है और जगत कल्याण की सोचता है। 

हँस महापुरुष योग वाले व्यक्ति शिक्षण-प्रशिक्षण, लेखन-मुद्रण, वित्त, बैंकिंग, सामाजिक नेतृत्व, धर्म, ज्योतिष व अन्य वैदिक विद्याएँ जैसे कार्यों में रुचि लेते हैं और अपने विषय में प्रसिद्ध हो जाते हैं। यदि यह योग अपने उत्तम अंशों में स्थित हों, जो कि तभी सम्भव हो सकता जब शुक्र, चन्द्र और बुध जैसे ग्रह बृहस्पति पर दृष्टि कर रहे हों या बृहस्पति के साथ एक ही राशि में स्थित हों, तो वह व्यक्ति असाधारण गुणों से सम्पन्न होता है।

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